सात माह से अधिक समय से जारी रूस और यूक्रेन की जंग के बीच अब Shahed-136 ड्रोन चर्चा में है. यूनाइटेड किंगडम ने सोमवार को कहा कि रूस ईरानी निर्मित Shahed-136 मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का उपयोग यूक्रेनी क्षेत्र के अंदर लक्ष्य पर हमला करने के लिए लगातार कर रहा है. यूके के रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, "हालांकि, शहीद-136 यूएवी को हराने के यूक्रेनी प्रयास तेजी से सफल हो रहे हैं, राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की सहित आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि 85% तक हमलों को रोका जा रहा है." मंत्रालय ने कहा कि शहीद-136 ड्रोन धीमे उड़ते हैं और ये शोर करते हैं, साथ ही ये कम ऊंचाई पर रहते हैं. शहीद-136 यूएवी को कभी-कभी 'कामिकेज़' ड्रोन के रूप में भी जाना जाता है. चल रहे युद्ध में, क्रेमलिन द्वारा पहली बार 17 अक्टूबर को कीव पर एक हमले में इसका इस्तेमाल किया गया था. इस ड्रोन के इस्तेमाल की खबरों के बीच ये भी सवाल उठ रहा है कि क्या वास्तव में रूस ईरानी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि रूस ने इस बारे में कोई सफाई नहीं दी है. यदि ये बात सही साबित होती है तो माना जाएगा कि कहीं न कहीं रूस और ईरान के बीच कुछ खिचड़ी पक रही है. (1/5) Russia continues to use Iranian uncrewed aerial vehicles (UAVs) against targets throughout Ukraine. Ukrainian efforts to defeat the Shahed-136 UAVs are increasingly successful. — Ministry of Defence 🇬🇧 (@DefenceHQ) October 24, 2022 आपको बता दें कि इन ड्रोन का इस्तेमाल ईरानी आर्मी के अलावा हूथी विद्रोही भी करते हैं. इस एक ड्रोन की कीमत 20 हजार डालर है. 11 फीट लंबे और 200 किग्रा वजनी ये ड्रोन करीब 40 किग्रा वारहेड लेकर जा सकता है. रूस ने यूक्रेन पर लगाया रेडियोएक्टिव डर्टी बम विस्फोट करने की योजना बनाने का आरोप हर बीतते दिन के साथ इन दो देशों के बीच जारी युद्ध भयावह होती जा रही है. युद्ध को रोकने का रास्ता न बातचीत से निकल रही है न ही अंतरराष्ट्रीय दखल से ही. दोनों ही देश एक-दूसरे पर युद्ध को बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं. इसी क्रम में अब रूस ने यूक्रेन पर अपनी ही धरती पर रेडियोएक्टिव डर्टी बम विस्फोट करने की योजना बनाने का आरोप लगाया है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने रविवार को नाटो देशों के साथ यूक्रेन युद्ध में "तेजी से बिगड़ती स्थिति" पर चर्चा की और इसी दौरान उन्होंने युक्रेन पर रेडियोएक्टिव डर्टी बम विस्फोट करने की योजना बनाने का आरोप लगाया. हालांकि अपनी बात को साबित करने के लिए उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं थे.
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