विशेषज्ञों का अनुमान है कि ब्याज दरों में लगातार तीन बार 0.50 फीसदी की वृद्धि करने के बाद अब केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि कर सकता है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक सोमवार से शुरू हो रही है.
खुदरा महंगाई में नरमी के संकेतों और वृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI बुधवार को अपनी आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में वृद्धि को लेकर नरम रुख अपना सकता है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि ब्याज दरों में लगातार तीन बार 0.50 फीसदी की वृद्धि करने के बाद अब केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि कर सकता है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक सोमवार से शुरू हो रही है. तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा 7 दिसंबर को की जाएगी. फेडरल रिजर्व के फैसले का भी होगा असर घरेलू कारकों के अलावा एमपीसी अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का अनुसरण कर सकती है, जिसने इस महीने के आखिर में दरों में कुछ कम वृद्धि करने के संकेत दिए हैं. रिजर्व बैंक ने इस साल मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.90 फीसदी की वृद्धि की है. हालांकि, इसके बावजूद महंगाई जनवरी से ही छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि उनका मानना है कि एमपीसी इस बार भी दरों में वृद्धि करेगी. हालांकि, यह वृद्धि 0.25 से 0.35 प्रतिशत तक ही होगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा अनुमान है कि रेपो दर इस वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी पर पहुंच जाएगी. इसका मतलब है कि फरवरी में रेपो दर में एक और वृद्धि देखने को मिलेगी. महंगाई अभी भी RBI के तय स्तर से ज्यादा आरबीआई मौद्रिक नीति तय करते समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर प्रमुख रूप से गौर करता है. सीपीआई में कुछ नरमी के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन यह अब भी केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च में मुख्य अर्थशास्त्री डी के पंत ने कहा कि महंगाई में और गिरावट आने की उम्मीद है. हालांकि, इस तिमाही में यह छह फीसदी के ऊपर ही रहेगी. उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि आरबीआई दिसंबर, 2022 की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर 0.25 फीसदी बढ़ा सकता है. कोटक महिंद्रा बैंक के पूर्णकालिक निदेशक शांति एकंबरम ने कहा कि फेडरल रिजर्व के नरम रुख और मुद्रास्फीति में कुछ कमी को देखते हुए आरबीआई और एमपीसी भी दरों में कुछ कम यानी 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि करेंगे. (भाषा इनपुट के साथ)
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