Pakistan New Army Chief: पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) के रिटायरमेंट की तारीख करीब आ गई है. नवंबर 29 के बाद पाक फौज की कमान नए जनरल के हाथ में होगी. ऐसे में एक तरफ नए सेना प्रमुख के नाम की घोषणा का इंतजार हो रहा है तो वहीं पाकिस्तान में सियासी टेंशन का पारा भी हाई है. इस फैसले में जरा सी चूक पाक में नया संकट खड़ा कर सकती है. इस मामले में पाक सेना की तरफ से सेना प्रमुख बनने के लिए योग्य 6 वरिष्ठ जनरलों के नाम सिफारिश के साथ रक्षा मंत्रालय और उसके जरिए पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) तक भिजवा दिए हैं. माना जा रहा है कि अगले दो दिनों के भीतर इस बाबत फैसले का ऐलान भी हो जाएगा. 27 नवंबर को मौजूदा सिनियोरिटी लिस्ट में सबसे आगे खड़े और सेना प्रमुख पद के अहम दावेदार माने जा रहे लेफ्टिनेंट जनरल असिम मुनीर का कार्यकाल खत्म हो रहा है. कैबिनेट बैठक के बाद हो सकती है घोषणा पाक सेना की तरफ से जो लिस्ट भेजी गई है उसमें से दो वरिष्ठ पदों के लिए नियुक्ति होनी है. एक अफसर सेना प्रमुख बनेंगे तो दूसरे को चेयरमैन जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी बनाया जाएगा. पाक में सेना प्रमुख की नियुक्ति कहने को तो पीएम का विशेषाधिकार है लेकिन इस बाबत फैसला लेना मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ के लिए काफी मुश्किलों भरा है. माना जा रहा है कि कैबिनेट की 24 नवंबर को बुलाई गई बैठक के बाद इसका ऐलान हो सकता है. बैठक के बाद शहबाज शरीफ दो दिन के तुर्कीए के दौरे पर चले जाएंगे. प्रक्रिया के तौर पर पीएम शहबाज शरीफ नियुक्ती की अपनी सिफारिश को मुहर के लिए राष्ट्रपति के पास भेजेंगे लेकिन यहीं एक बड़ा पेंच भी है. ऐसा इसलिए कि पूर्व पीएम इमरान खान संकेत दे रहे हैं कि उनकी पार्टी के नेता और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के इमरान खान जाहिर तौर पर उनसे इस बारे में मशविरा करेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी के साथ मिलकर कानून के दायरे में रहते हुए खेलने की बात भी कही. हालांकि इस कड़ी में इमरान खान ने ये भी जोड़ा कि किसी को भी सेना प्रमुख लगा दें उनको कोई फर्क नहीं पड़ता. रिव्यू के लिए भेजा जा सकता है पाकिस्तानी कानून के मुताबिक राष्ट्रपति के पास सेना प्रमुख की नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने का अधिकार नहीं है. हालांकि वो अगर पेंच फंसाना चाहें तो रिव्यू के लिए पीएम शहबाज शरीफ के पास भेज सकते हैं. वहीं, अगर वो दूसरी बार वापस उनके पास भेजा जाता है तो उन्हें इसे स्वीकार करना होगा. पाक सेना के मौजूदा प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है लेकिन सूत्रों की मानें तो सेना प्रमुख के नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया में अगर राष्ट्रपति अल्वी ने पुनर्विचार जैसा पेंच फंसाया तो मामला सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है. यह पाकिस्तान में एक नई अस्थिरता को पैदा करेगा. इस सियासी खींचतान की बड़ी वजह जनरल असिम मुनीर को लेकर सत्तारूढ़ पीएमएल-एन की पसंद और उनको लेकर इमरान खान की नापसंद है. वहीं, इमरान की चाहत ले जनरल फ़ैज़ हमीद हैं लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री के पास उनको सेना प्रमुख बनाने का न तो कोई अधिकार है और न रास्ता. ऐसे में इमरान खेमा इस प्रक्रिया को केवल कुछ देर रोकने की कोशिश कर सकता है. वहीं मामला ज़्यादा बढ़ने पर किसी तीसरे अफसर के सेना प्रमुख बनने की उम्मीद कर सकता है. एक नज़र पाक फौज के उन अधिकारियों पर डाल लीजिए जिनमें से सेना प्रमुख और चैयरमैन जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के ओहदों पर तैनाती होनी है- लेफ्टिनेंट जनरल असिम मुनीर- ऑफिसर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मंगला के जरिए फौज में आए. फ्रंटियर फोर्स में कमिशन अधिकारी हैं. पाक सेना में इस वक्त बतौर क्वाटर मास्टर जनरल तैनात हैं. जून 2019 से अक्टूबर 2021 तक गुजरांवाला कोर कमांडर रहे. इससे पहले सेना की इंटेलिजेंस कोर में 2017 और 2018 में डीजी आईएसआई बनाए गए थे. हालांकि पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान के कहने पर उनको करीब 8 महीने में ही इस पद से हटा दिया गया था. पाक मीडिया के मुताबिक इसकी बड़ी वजह थी कि बतौर डीजीआईएसआई जनरल मुनीर ने कथित तौर पर इमरान के करीबी के एक संदिग्ध लेनदेन को रिपोर्ट कर दिया था. इस पर नाराज इमरान ने उन्हें हटवा दिया और उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को आईएसआई का प्रमुख बनाया गया. जनरल साहिर शमशाद- सिंध रेजिमेंट के अधिकारी हैं और इस समय पाकिस्तान की सबसे अहम मानी जाने वाली 10वीं कोर की अगुवाई कर रहे हैं. इससे पहले पाक सेना में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जैसे बड़े ओहदे पर भी रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास- इस समय पाक सेना में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हैं. पाक सेना के पिछले प्रमुखों यानि जनरल राहिल शरीफ और अशफाक परवेज कियानी के साथ करीब से काम कर चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद- बलूच रेजिमेंट के अधिकारी हैं और इस समय इस्लामाबाद में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के मुखिया हैं. पेशावर के कोर कमांडर रह चुके हैं. साथ ही आईएसआई में भी अहम पद पर रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद- बलोच रेजिमेंट के अधिकारी हैं और इस वक्त कोर कमांडर बहावलपुर हैं.पूर्व पीएम इमरान खान के खासे करीबी रहे फैज हमीद आईएसआई के डीजी भी रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल असिम मुनीर को हटाकर ISI की कमान इनको ही सौंपी गई थी. लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर- पाक सेना में आर्टिलरी कोर के अधिकारी हैं और इस समय गुजरांवाला कोर के कमांडर हैं. आसिफ अली जरदारी के राष्ट्रपति कार्यालय में उनके सैन्य सचिव भी रह चुके हैं. यह भी पढ़ें. असम-मेघालय बॉर्डर पुलिस फायरिंग-हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे CM कोनराड संगमा, NIA या CBI जांच की कर सकते हैं मांग
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