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4 पारियों में 57 रन बनाने के बाद बोले राहुल, ‘आउट तो होना ही है’

4 पारियों में 57 रन बनाने के बाद बोले राहुल, ‘आउट तो होना ही है’

4 पारियों में 57 रन बनाने के बाद बोले राहुल, ‘आउट तो होना ही है’

केएल राहुल ने बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम की कप्तानी की लेकिन उनका बल्ला शांत रहा और इसी कारण राहुल आलोचकों के निशाने पर हैं.

बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई दो टेस्ट मैचों की सीरीज में रोहित शर्मा नहीं खेले थे क्योंकि वो चोटिल थे.ऐसे में टीम की कप्तानी की थी केएल राहुल ने. राहुल की कप्तानी में भारत ने जैसे-तैसे सीरीज अपने नाम कर ली लेकिन टीम के कार्यवाहक कप्तान राहुल आलोचकों के निशाने पर हैं. इसका कारण राहुल की मौजूदा फॉर्म है. अपनी फॉर्म के बारे में राहुल ने कहा कि उन्होंने कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली और इसलिए वह अपनी गलती को स्वीकार करते हैं. राहुल का बल्ला इस सीरीज में बिल्कुल नहीं चला है. वह कुल मिलाकर चार पारियों में 57 रन ही बना पाए हैं.राहुल ने चटोग्राम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 22 और 23 रन बनाए थे. इसके बाद दूसरे मैच में उन्होंने 10 और दो रन बनाए थे. राहुल ने कहा कि कोई भी चीज ज्यादा दिनों तक नहीं रहती है और वह जल्दी फॉर्म में वापसी करेंगे. कोई भी चीज आखिरी तक नहीं रहती दूसरा मैच खत्म होने के बाद जब राहुल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए तो उनसे उनकी फॉर्म को लेकर सवाल पूछा गया. इस पर राहुल ने कहा, “मैंने काफी क्रिकेट खेला है और उसमें उतार-चढ़ाव देखे हैं. मैं जानता हूं कि कोई भी चीज लंबे समय तक आपके साथ नहीं रहती. आपको आगे की तरफ बढ़ना चाहिए. हमेश बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए और सुधार करना चाहिए. जब आप तीनों प्रारूप खेलते हैं तो एक प्रारूप से दूसरे में जाना मुश्किल होता है. मैंने निजी तौर पर लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला था. इसलिए उस माहौल में लौटने में कुछ समय लगता है.” उन्होंने कहा, “जहां तक इस सीरीज की बात है तो निश्चित तौर पर मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. मैं इस बात को स्वीकार करता हूं. मैंने अपना बेस्ट किया लेकिन वो काम नहीं किया. लेकिन जैसा मैंने पहले कहा कि मैं आगे की तरफ देख रहा हूं कि मैं और क्या बेहतर कर सकता हूं.” आउट तो होना ही है राहुल ने कहा, “ओवरसीज कंडीशंस हो या कोई भी कंडीशंस हों, हम हर स्थिति में आउट तो होते ही हैं. बल्लेबाज कभी न कभी तो आउट होगा ही. अगर पिच स्पिनरों की मददगार है तो स्पिनरों पर आउट होंगे और तेज गेंदबाजों की मददगार तो उन पर आउट होंगे. इतना ज्यादा आप सोचते नहीं हो कि आप स्पिनर पर आउट हो रहे हो या तेज गेंदबाजों पर आउट हो रहे हो. भारत को अब अगले साल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है. इस चार मैचों की टेस्ट सीरीज में राहुल कोशिश करेंगे कि वह अपनी फॉर्म में वापसी कर सकें और अपनी टीम को आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह दिला सकें. आईसीसी डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचने के लिए टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में जीत की सख्त जरूरत है. टीम इंडिया अगर इस सीरीज में 4-0 से जीत हासिल कर लेती है तो वह आसानी से फाइनल खेलेगी. 3-0 या 3-1 से भी वह सीरीज जीतती है तो भी वह फाइनल में आसानी से जा सकती है.

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