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2 महीने के बच्चे की बलि देकर मरे हुए पिता को करना चाहती थी जिंदा, CCTV की मदद से महिला अरेस्ट

2 महीने के बच्चे की बलि देकर मरे हुए पिता को करना चाहती थी जिंदा, CCTV की मदद से महिला अरेस्ट

2 महीने के बच्चे की बलि देकर मरे हुए पिता को करना चाहती थी जिंदा, CCTV की मदद से महिला अरेस्ट

दिल्ली के थाना अमर कॉलोनी की टीम ने करीब 2 महीने के मासूम बच्चे के अपहरण का सनसनीखेज मामला सुलझा लिया है. 24 घंटे के भीतर पुलिस की टीम ने बच्चे को बिना किसी नुकसान के बरामद कर लिया है.

दक्षिण पूर्वी दिल्ली के थाना अमर कॉलोनी की टीम ने करीब 2 महीने के मासूम बच्चे के अपहरण का सनसनीखेज मामला सुलझा लिया है. 24 घंटे के भीतर पुलिसकर्मियों के अथक प्रयासों से बच्चे को बिना किसी नुकसान के बरामद कर लिया गया है. 10 नवंबर की शाम करीब 4:00 बजे थाना अमर कॉलोनी में सूचना मिली कि दिल्ली के गढ़ी क्षेत्र से करीब दो माह के मासूम को अज्ञात महिला ने अगवा कर लिया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच की शुरू कर दी. आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई. जांच के दौरान पीड़िता ने बताया कि अपहरणकर्ता महिला ने उनसे सफदरजंग अस्पताल में मुलाकात की और खुद को जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए काम करने वाले एनजीओ के सदस्य के रूप में पेश किया. उसने उन्हें मां और बच्चे को मुफ्त दवा और परामर्श देने का वादा किया. बाद में उसने नवजात शिशु के विकास की जांच करने के बहाने उनका पीछा किया. 9 नवंबर को आरोपी महिला उनके घर ममराज मोहल्ला, गढ़ी, दिल्ली में शिशु की जांच के लिए आई थी. कोल्ड ड्रिक पिलाकर किया बेहोश, बाद में बच्चा चोरी कर भाग गए अपहरणकर्ता 10 नवंबर को फिर से महिला उनके घर आई. उसने अपनी बातों से बच्चे की माँ को प्रेरित किया और उसे बाहर जाने के लिए बच्चे को सौंपने के लिए कहा. जब वह बच्चे को घर से बाहर ले जा रही थी तो मां ने अपनी 21 वर्षीय भतीजी को महिला के साथ जाने के लिए कहा. उसके बाद अपहरणकर्ता नीम चौक, गढ़ी आया और पीड़िता की भांजी रितु के साथ नवजात को अपनी स्विफ्ट कार में ले गया. रास्ते में अपहरणकर्ता ने रितु को कोल्ड ड्रिंक पिलाई. जिससे वह बेहोश हो गई. बाद में अपहरणकर्ता ने रितु को यूपी के गाजियाबाद में रास्ते में फेंक दिया. जहां होश में आने के बाद उसने अपने परिवार को सूचित किया कि बच्चे का अपहरण कर लिया गया है. सीसीटीवी की मदद से चला अपहरणकर्ता का पता इसके बाद पुलिस को कॉल की गई. जांच के दौरान आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के बाद अपहरणकर्ता के वाहन के पंजीकरण नंबर का पता लगाया गया और उसका पता और विवरण सामने आया. उस स्थान पर छापेमारी की गई थी, लेकिन आरोपी फरार था. शाम करीब 4:00 बजे गुप्त सूचना मिली कि अपहरणकर्ता आर्य समाज मंदिर, कोटला मुबारकपुर, दिल्ली के पास आएगा. गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर उक्त स्थान पर छापेमारी की. टीम ने लगातार प्रयास करते हुए आरोपी अपहरणकर्ता को पकड़ लिया और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया. अपहरणकर्ता की पहचान श्वेता पुत्री मदन मोहन निवासी कोटला मुबारकपुर, दिल्ली उम्र 25 वर्ष के रूप में हुई है. मामले की आगे की जांच जारी है. पिता को पुनर्जीवित करने के लिए देनी थी शिशु की बलि पुलिस पूछताछ में आरोपी श्वेता ने खुलासा किया कि अक्टूबर 2022 में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी. अंतिम संस्कार के दौरान, उसे पता चला कि एक ही लिंग के शिशु का मानव बलिदान उसके पिता को पुनर्जीवित कर सकता है. इस अंधविश्वास को अंजाम देने के लिए उसने इलाके में एक नवजात लड़के की तलाश शुरू कर दी. वह प्रसूति वार्ड में सफदरजंग अस्पताल गई और नवजात बच्चे और मां के लिए एक एनजीओ में काम करते हुए अपना परिचय दिया. बाद में वह पीड़िता से मिली. पीड़िता का विश्वास जीतने के लिए वह अक्सर शिशु और उसके परिवार से मिलने जाती थी. 10 तारीख को सफलतापूर्वक उस शिशु लड़के का अपहरण करने में सफल रही.

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